वर्षा ऋतू
सौंधी सौंधी सी खुशबू ने
मन को मेरे महकाया,
तुरंत मैने भांप लिया, यह
वर्षा का संदेश है आया।
वर्षा ऋतू के आते ही
हो उठते है सबके प्राण खिल,
झरझर झरने लगते बहनें
कहते, आओ, भूलो सभी मुश्किल।
मुझे भी लगता मै वर्षा में,
झुमू, नाचुं, गाऊ
आनन - फानन में दौड लगाकर
वर्षा में भीग कर आऊ।
आओ सभी मिल जुल कर
वर्षा का आनंद उठाये,
ये ऋतू तो देती संदेश नवता का,
हम सभी इसे जीवन में अपनाये ।
-------- माधुरी कुलकर्णी,
(५ अगस्त २०१५)