रुकना भी जरूरी है, थमना भी जरूरी है, किसने कहा बहते रहना ही जिंदगी है?
कभी रुककर तो देखो, सोचकर देखो, हिसाब लगाओ क्या खोया क्या पाया, किसने कहा दौड़ने में ही खुशी है?
फ़ुरसत के लम्हे थोड़े जी कर तो देखो, ख़ुद के अंदर झांककर तो देखो, क्या सिर्फ पाते रहना ही जिंदगी है?
घर रुको, देखो हर चीज तुमसे बोलेगी, आखरी बार कब मिले थे उसकी यादें दोहराएंगी, किसने कहा घर बैठना आलस की निशानी है?
सजा नहीं इसे मौका समझो, हंसो मुस्कुराओ, इसी में सबकी भलाई है, किसने कहा बहते रहना ही जिंदगी है? किसने कहा बहते रहना ही जिंदगी है .....
माधुरी,
२२ मार्च, २०२०
२२ मार्च, २०२०
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